दुष्यंत कुमार - 2

सर पे धुप आयी तो दरख्त बन गया मैं
तेरी ज़िन्दगी में अक्सर मैं कोई वजह रहा हूँ

कभी दिल में आरजू सा , कभी मुंह में बददुआ सा
मुझे जिस तरह भी चाहा , मैं उस तरह रहा हूँ

0 comments:

Search

My Blog List